देश में कानून-व्यवस्था का क्या होगा अगर सांसद ही घृणा का प्रचार करेंगेः मौलाना हकीमुद्दीन कासमी
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर, 2022। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक बार फिर घृणात्मक कार्यक्रम आयोजित करने और मुसलमानों के विरुद्ध बहुसंख्यक वर्ग को उकसाने पर अपनी कड़ी नाराजगी और चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि ऐसे तत्वों को अनुकरणीय सजा दी जाए जो एक विशेष वर्ग को उग्र करके देश में अशांति और अराजकता का वातावरण पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चिंता का विषय है कि प्रवेश वर्मा देश की सत्ताधारी पार्टी के सांसद हैं। इसके बावजूद उनको अपने संविधान और उसके अनुसार ली गई पद एवं गोपनीयता की शपथ की रत्तीभर पर चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सांसद जैसे महत्वपूर्ण पदों पर आसीन व्यक्ति इस तरह का बयान देगा तो फिर देश में कानून-व्यवस्था का क्या होगा?
महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने बताया कि इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री को एक पत्र प्रेषित किया गया है। इसमें लिखा है कि नफरत फैलाने वाले भाषण देश के लिए अभिशाप हैं। इसलिए एक जिम्मेदार और शांतिप्रिय नागरिक होने के नाते हम आपसे अनुरोध करते हैं कि दिल्ली की इस घटना का गंभीरता से संज्ञान लें और संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश दें कि वह न केवल कार्यक्रम के आयोजकों के विरुद्ध बल्कि उन सभी व्यक्तियों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई करें जिन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की है ताकि नफरत फैलाने वालों को कड़ी सजा मिल सके।
ज्ञात हो कि स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों की समीक्षा के लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में सुंदरनगरी और उसके आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया। वहां जमीयत उलेमा सुंदरनगरी के अध्यक्ष मौलाना वलीउल्लाह और हाजी शकील इत्यादि से मुलाकात की और लोगों से अमन-शांति बनाए रखने की अपील की। प्रतिनिधिमंडल में उनके अलावा जमीयत उलेमा-ए-हिंद के संयोजक मौलाना गयूर कासमी भी उपस्थित रहे।
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नियाज अहमद फारूकी
सचिव, जमीयत उलेमा-ए-हिंद
ملک میں امن و امان کا کیا ہوگا اگر ممبر پارلیامنٹ ہی نفرت کا پرچار کرے : مولانا حکیم الدین قاسمی
شمال مشرقی دہلی میں منعقد نفرتی پروگرام پر جمعیۃ علماء ہند کی طرف سے وزیر داخلہ کو مکتوب
نئی دہلی ۱۱؍اکتوبر۲۰۲۲: جمعیۃ علماء ہند کے جنرل سکریٹری مولانا حکیم الدین قاسمی نے شمال مشرقی دہلی میں ایک بار پھر نفرت انگیز پروگرام منعقد کرنے اور مسلمانوں کے خلاف اکثریتی طبقہ کو اکسانے پر سخت ناراضی و تشو یش کا اظہار کیا ہے اور مطالبہ کیا ہے کہ ایسے عناصر کو مثالی سزا دی جائے جو ایک خاص طبقہ کو ریڈکلائز کرکے ملک میں بدامنی و انارکی کی فضاء قائم کررہے ہیں ۔انھوں نے کہا کہ افسوس کی بات ہے کہ پرویش ورما ملک کی حکمراں پارٹی کے ممبر پارلیامنٹ ہیں ،اس کے باوجود ان کو اپنے آئین اور اس کی مطابقت میں لیے گئے حلف نامہ کی ذرہ بھی پروا نہیں ہے ۔انھوں نے کہا کہ اگر ممبر پارلیامنٹ جیسے اہم عہدے پر فائز شخص اگر اس طرح کا بیان دے گا تو پھر ملک میں امن و امان کا کیا ہو گا ۔
مولانا حکیم الدین قاسمی نے بتایا کہ اس سلسلے میں صدر جمعیۃ علماء ہند مولانا محمود اسعد مدنی صاحب کی طرف سے مرکزی وزیر داخلہ کو ایک خط ارسال کیا گیا ہے جس میں لکھا ہے کہ نفرت انگیز تقاریر ملک کے لیے لعنت ہیں،اس لیے ایک ذمہ دار اور امن پسند شہری ہونے کے ناطے ہم آپ سے گزارش کرتے ہیں کہ دہلی کے اس واقعہ کا سنجیدگی سے نوٹس لیں اور متعلقہ حکام کو بھی ہدایت دیں کہ وہ نہ صرف تقریب کے منتظم کے خلاف بلکہ ان تمام افراد کے خلاف بھی سخت کارروائی کریں جنہوں نے مسلمانوں کے خلاف اشتعال انگیز تبصرے کیے ہیںتاکہ نفرت پھیلانے والوں کو عبرت ناک سزا مل سکے ۔‘‘
واضح ہو کہ مقامی سطح پر حالات کا جائزہ لینے کے لیے جمعیۃ علماء ہند کے ایک وفد نے جنرل سکریٹری مولانا حکیم الدین قاسمی کی قیادت میں سندرنگری و اطراف کا دورہ کیا ،جہاں مولانا ولی اللہ صدر جمعیۃ علماء سندر نگری اور حاجی شکیل وغیرہ سے ملاقات کی اور لوگوں سے امن و امان بنائے رکھنے کی اپیل کی ۔وفد میں سربراہ کے علاوہ مولانا غیور قاسمی آرگنائزر جمعیۃ علماء ہند بھی شامل تھے ۔
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مدیر محترم
اس پر یس ریلیز کو شائع فرما کر شکر گزار کریں
نیاز احمد فاروقی
سکریٹر ی جمعیۃ علما ء ہند