मेवात दंगाः मरम्मत के बाद पीर वाली मस्जिद का उद्घाटन
- मस्जिद के इमाम ने जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी का आभार व्यक्त किया
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर 2023। मेवात दंगों के दौरान एक दर्जन से अधिक मस्जिदों पर हमला किया गया था। इन मस्जिदों में ’पीर वाली मस्जिद पलवल’ भी शामिल है। इस मस्जिद में तब्लीगी जमात के लोगों के साथ भी मारपीट की गई थी। साथ ही मस्जिद में तोड़फोड़ के अलावा पवित्र पुस्तकों का भी अपमान किया गया था। आज मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद ज़ोहर की नमाज के मौके पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के कर कमलों द्वारा इस मस्जिद का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन अवसर पर मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद जावेद समेत काफी संख्या में नमाज़ी मौजद थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने लोगों को संयम और धैर्य रखने की सलाह दी। मस्जिद के इमाम और खतीब मौलाना मोहम्मद जावेद ने जमीअत उलमा द्वारा प्राप्त होने वाली सहायता और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मेवात के लोग जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी और उनकी पूरी टीम की आभारी हैं जिन्होंने पलवल के इलाके में जहां हर तरफ उपद्रव मचा हुआ था, जहां कदम-कदम पर मस्जिदों को निशाना बनाया गया, वहां सबसे पहले यह लोग पहुंचे। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद ने जो भी प्रयास किया है, उसके लिए किसी धन्यवाद की कोई आवश्यकता नहीं है। जमीअत उलमा इसे केवल अल्लाह की सहमति और प्रसन्नता के लिए अपना दायित्व समझकर करती है।
निःसंदेह मस्जिद की सेवा से बढ़कर कोई परोपकारी कार्य नहीं है। उन्होंने बताया कि जमीअत ने यहां दस से अधिक मस्जिदों की मरम्मत का काम किया है, जिनमें से कुछ के कार्य अभी भी शेष हैं। जमीअत उलमा-ए-हिंद के वरिष्ठ संयोजक मौलाना गय्यूर रहमद कासमी ने बताया कि अब तक एडवोकेट ताहिर हुसैन रोपड़िया की देखरेख में 466 जमानतें मंजूर हो चुकी हैं, जबकि जमीअत के पास छह सौ मुकदमे हैं। इसके अलावा जमीअत दंगा पीड़ितों के लिए आवास निर्माण का कार्य भी कर रही है। आज उद्घाटन के अवसर पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव के साथ मौलाना गय्यूर अहमद कासमी, मौलाना मुफ्ती ज़ाकिर हुसैन कासमी, भाई मोहम्मद यासिर वकील, हाजी मोहम्मद यूनुस, मदरसा यासीनिया सिराज-उल-उलूम खोड़ा के छात्र हाफिज़ मोहम्मद अबूबकर और हाफिज़ महमूद भी शामिल थे।
میوات فساد: مرمت کے بعدپیروالی مسجد کا افتتاح
امام مسجدنے صدر جمعیۃ علماء ہند مولانا محمود اسعد مدنی کا شکریہ ادا کیا
نئی دہلی ۲۳؍ اکتوبر: میوات فساد کے دوران ایک درجن سے زائد مسجدوں پر حملہ ہوا تھا ۔ ان مساجد میں ’پیروالی مسجد پلول‘بھی شامل ہے ۔اس مسجد میں تبلیغی جماعت کے ساتھ بھی مارپیٹ ہوئی تھی ، نیز مسجد میں توڑ پھوڑ کے علاوہ مقدس کتابوں کی توہین بھی کی گئی تھی ۔ آج مکمل مرمت کے بعد ظہر کی نماز کے موقع پر جمعیۃ علماء ہند کے جنرل سکریٹری مولانا حکیم الدین قاسمی کے ہاتھوں اس مسجد کا افتتاح عمل میں آیا ۔ افتتا ح کے وقت مسجد کے امام مولانا محمد جاوید سمیت نمازیوں کی ایک قابل ذِکر تعداد موجود رہی ۔
اپنے پیغام میں مولانا محمد حکیم الدین قاسمی جنرل سکریٹری جمعیۃ علما ء ہند نے لوگوں کو صبر و استقامت کی تلقین کی ، مسجد کے امام وخطیب مولانا محمد جاوید نے پریشانی کے وقت جمعیۃ علماء ہند کی طرف سے ملنے والی مدد اور تعاون کا شکریہ ادا کیا اور کہا کہ میوات کے لوگ صدر جمعیۃ علماء ہند مولانامحمود اسعد مدنی اور ان کی پوری ٹیم کے شکر گزار ہیں کہ انھوں نے پلول کے علاقے میں جہاں ہر طرف شرپسندی کا سایہ تھا ، جہاں قدم قدم پر مسجدوں کو نشانہ بنایا گیا ، وہاں سب سے پہلے یہ لوگ پہنچے ۔ مولانا حکیم الدین قاسمی نے کہا کہ جمعیۃ علماء ہند نے جو کچھ بھی کوشش کی ہے ، اس کے لیے کسی شکریہ کی ضرورت نہیں ہے ، جمعیۃ علماء محض اللہ کی رضا و خوشنودی کے لیے اسے فریضہ سمجھ کر انجام دیتی ہے۔ ظاہر سی بات ہے کہ مسجد کی خدمت سے زیادہ کوئی مقبول عمل نہیں ۔ انھوں نے بتایا کہ جمعیۃ نے یہاں دس سے زائد مساجد کی مرمت کا کام کیا ہے ، جن میں کچھ کے کام ابھی باقی ہیں۔جمعیۃ علماء ہند کے سینئر آرگنائزر مولانا غیو راحمد قاسمی نے بتایا کہ اب تک ایڈوکیٹ طاہر حسین روپڑیا کی نگرانی میں ۴۶۶ ؍ ضمانتیں ہو چکی ہیں ، جب کہ جمعیۃ کے پاس چھ سو مقدمات ہیں ۔اس کے علاوہ جمعیۃ متاثرین کے لیے مکانوں کی بھی تعمیر کررہی ہے ۔آج افتتاح کے موقع پر ناظم عمومی جمعیۃ علماء ہند کے ہمراہ مولانا غیوراحمد قاسمی،مولانا مفتی ذاکر حسین قاسمی، حاجی محمد یونس، بھائی محمد یاسر وکیل، ،حافظ محمد ابوبکر ، حافظ محمود متعلم مدرسہ یاسینیہ سراج العلوم کھوڈا تھے ۔
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