Jamiat constitutes a Committee to mull options about including women into its national movements.
Two Days National Consultative Meeting in Bhopal concludes with Resolve to Strengthen the Organisation structure at Local Levels.
Bhopal/New Delhi September 11,2022:- A two-day meeting of presidents and general secretaries of the state and regional units of Jamiat Ulama-i-Hind was held at Fortune Resort & Garden, in Bhopal.
The meeting spread over many sittings were presided over by Jamiat national president Maulana Mahmood Asad Madani.
In this meeting, the performances of the nationwide units of Jamiat Ulama-i-Hind were reviewed at length.
The meeting too discussed ways to implement the ten-point constructive programs of Jamiat Ulama-i-Hind, execution of the Millat Fund, Sirat-ul-Nabi quiz, social reform and religious education movement, etc at the district and local levels.
Expressing his views on this ocassion, Maulana Mahmood Asad Madani, President of Jamiat Ulama-i-Hind invited the Jamiat officials to devote themselves to there service of religion, country, nation and humanity with sincerity etc. He stressed that without sincerity, Allah does not extend His help. He was vocal that Jamiat is looked upon as the guardian of the Muslim community of India. "After the debacle of the movement of Hazrat Shah Waliullah Sahab, Jamiat Ulama took upon all the responsibilities to take care of the Muslim community in India.
Whenever any catastrophe strikes the community, Muslims look towards jamiat with a hope that it will stand by them. Because of this, when we are not able to work as expected, they criticize us."
Maulana Madani emphasized on strengthening the democratic system in the organization and announced that organizers would be appointed at the state levels for the purpose of organizational stability.
Maulana Madani said that if we want to do something for the nation, we have to set up local representatives of the organisation up to the village level. In that case, we can go and fight apostasy and other social evils there.
He claimed that forty-two percent of youth are exposed to alcoholism . They live in villages and city, we can reform them only when the representatives of the Jamiat are present everywhere.
He took pledge from the office bearers of Jamiat to establish Jamiat’s units at the district, block and local levels. He expressed great concern over the current situation of the nation and said that we do not have time to stop and slow down during our march, but in any case, I have to step forward.
Referring to the sacrifices of elders in the past, he said that whatever religious movements are going on today are the fruits of the sacrifices of Jamiat.
Maulana Madani announced to work on publicizing the true and humanitarian message of Prophet life and said that there is a need to fill the gap created on the intellectual level to fight off the menace of insulting the Prophet (peace and blessings of Allah be upon him).
In this meeting, a proposal was moved to involve women in jamiat activities , for which a committee has been formed to consider the merits.
The committee included Maulana Badruddin Ajmal Qasmi, Maulana Siddiqullah Chaudhary, Maulana Kaleemullah Faizabadi, Maulana Iftikhar Qasmi and as convenor Maulana Hakeemuddin Qasmi
. In addition to that to widen the sphere of performance of the state units of Jamiat Ulama-i-Hind, the entire country has been divided into five zones and their convenors and in-charges have been appointed.
In his speech on this occasion, General Secretary of Jamiat Ulama-i-Hind Maulana Hakeeuddin Qasmi said that Jamiat is a blessing for this country. He thanked the organizer of the meeting, President Jamiat Ulama Madhya Pradesh Haji Muhammad Haroon and advocate kaleem the state general secretary and his team for the excellent hospitality.
The other important personalities who delivered their sermons included Maulana Badruddin Ajmal President Jamiat Ulama Assam, Maulana Niaz Ahmad Farooqui, Maulana Siddiqullah Chaudhary, President, Jamiat Ulama West Bengal, Maulana Abdul Rab Azmi, President, Jamiat Ulama UP, Maulana Nadeem Ahmed Siddiqui, President Jamiat Ulama Maharashtra, Maulana Mufti Iftikhar Ahmed Qasmi, President Jamiat Ulama Karnataka, Maulana Shamsuddin Bajli, Prof. Nisar Ahmad Ansari, Gujarat, Mufti Javed Iqbal Qasmi, President of Jamia Ulama Bihar, Maulana Zakaria Kerala, Maulana Saeed Ahmed Manipur, Maulana Muhammad Aqil, President Jamiat Western Zone UP, Hafiz Abdul Hai President Jamiat Ulama Eastern Zone UP, Maulana Asjad. Qasmi President Jamiat Ulama Middle Zone UP and Maulana Abid Qasmi President Jamiat Ulama Delhi etc.
जमीयत उलमा ए हिंद क़ौम, राष्ट्र, और मिल्लत की मार्गदर्शक और संरक्षक संस्था है, इसके कार्य क्षेत्र को गांव-गांव तक फैलाएं।
जमीयत उलमा ए हिंद की राज्य यूनिटों के अध्यक्षों व सचिवों के दो दिवसीय सम्मेलन में अध्यक्ष जमीयत उलमा ए हिंद मौलाना महमूद मदनी के दिशा निर्देश पर जमीयत के प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए देश को पांच ज़ोन में बांटा गया।
महिलाओं को संस्था की गतिविधियों से जोड़ने से संबंधित कमेटी की गई गठित।
भोपाल /नई दिल्ली 11 सितंबर 2022
जमीयत उलमा ए हिंद की राज्य और क्षेत्रीय यूनिटों के अध्यक्षों व महासचिवों का दो दिवसीय वार्ता सम्मेलन फॉर्चून रिजॉर्ट एंड गार्डन भोपाल में संपन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने की ।
इस सम्मेलन में जमीयत उलमा ए हिंद की राष्ट्र व्यापी कार्यों और गतिविधियों का आंकलन किया गया। इसके अलावा जमीयत उलमा ए हिंद के 10 सूत्रीय सुधारात्मक प्रोग्राम को ज़िला व स्थानीय स्तर पर लागू करने, मिल्लत फंड, सीरत उन नबी क्विज,समाज सुधार और दीनी शैक्षिक अभियान इत्यादि पर विस्तार से विचार विमर्श हुआ।
इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए मौलाना महमूद असद मदनी अध्यक्ष जमीअत उलमा ए हिंद ने कहा कि उनके लिए जमीअत उलमा ही उनका परिवार है और इसके लिए पूरी तरह समर्पित हैं उन्होंने कहा कि मेरा रिश्तेदार वही होगा जिसने खुद को जमीयत के काम से जोड़ा है। मौलाना मदनी ने जमीयत के ज़िम्मेदारों को अख़लाक, सद व्यवहार और एकजुटता के साथ दीन, व मिल्लत तथा मानवता की सेवा के लिए समर्पित करने का निमंत्रण दिया और कहा कि सदव्यवहार के बगैर अल्लाह की तौफीक व सहायता प्राप्त नहीं होती। जमीयत पूरी मिल्लत इस्लामिया की संरक्षण और मार्गदर्शक जमात है। हज़रत शाह वालीउल्लाह मोहददिस देहलवी की तहरीक़ यानि आंदोलन के बाद जमीयत उलमा ही मिल्लत की इज्ज़त है। जब भी कोई घटना होती है। उम्मत के ज़्यादातर लोगों की उम्मीदें हमसे जुड़ जाती हैं। इसी कारण जब हम आशा के अनुरूप काम नहीं कर पाते तो वह टीका टिप्पणी और आलोचना करते हैं। मौलाना मदनी ने जमीयत में लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने पर ज़ोर दिया और घोषणा की कि जमीयत संस्था की बढ़ोतरी और सुदृढ़ता के उद्देश्य से राज्य स्तर पर ऑर्गेनाइज़र नियुक्त किए जाएंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि अगर हम क़ौम के लिए कुछ करना चाहते हैं तो हमें मोहल्ला स्तर तक जमीयत के प्रतिनिधि बनाने होंगे। तभी जाकर बेदिनी और अधार्मिकता का मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि 42% नौजवान अधार्मिकता अज्ञानता में हैं। वह गांव में भी रहते हैं और शहर में भी। हम उनका सुधार तभी कर सकते हैं जब जमीयत के प्रतिनिधि हर जगह मौजूद हों। उन्होंने जमात के ज़िम्मेदारों से प्रण लिया कि जिन स्थानों पर अब तक जमीयत की यूनिटें न बनी हैं वहां ज़िला ब्लाक और स्थानीय स्तर तक जमीयत की यूनिटें स्थापित की जाएं। उन्होंने मिल्लत के मौजूदा हालात पर चिंता प्रकट की और कहा कि हमारे पास अब मंजिल के दौरान रुककर सुस्ताने का समय नहीं है बल्कि हर हाल में आगे कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने पूर्व में बुजुर्गों की कुर्बानियों का हवाला देते हुए कहा कि आज जो भी दीनी यानी धार्मिक मामलात चल रहे हैं वह जमीअत उलमा की कुर्बानियों का ही परिणाम हैं। मौलाना मदनी ने सीरत ए तैयबा हुज़ूर स.अ.व. के मानवता वाले वास्तविक संदेश को सार्वजनिक करने पर काम करने का की घोषणा की और कहा कि सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के अपमान के मामलों में विश्व स्तर पर काम करने की आवश्यकता है। कई बार ऐसा होता है कि अज्ञानता की वजह से अपमान की घटनाएं होती हैं इसलिए हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की जिंदगी को सार्वजनिक किया जाए। इसके लिए सर्वप्रथम इस्लामिक क्विज़ शुरू करने का भी प्रस्ताव पारित हुआ। विशेष सम्मेलन में महिलाओं को जमीयत के कार्यों से जोड़ने का प्रस्ताव आया जिसके संबंध में गौर करने के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। जिसमें मौलाना बदरुद्दीन अजमल क़ासमी, मौलाना सददीक उल्ला चौधरी, मौलाना कलीम उल्लाह फैजाबादी, मौलाना इफ्तिखार क़ासमी और मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी कन्वीनर के रूप में शामिल हैं। इसके अलावा जमीयत उलेमा ए हिंद की राज्य स्तरीय यूनिटों की कार्रवाई, गतिविधियों के कार्यक्षेत्र को बढ़ाने के लिए पूरे देश को 5 जोन्स में बांटा गया है और उनके कन्वीनर और जिम्मेदार निर्धारित किए गए हैं। इस अवसर पर अपने संबोधन में जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी ने कहा के जमीअत उलमा ए हिंद इस देश के लिए वरदान है। अध्यक्ष जमीअत उलमा हिंद का यह प्रण है कि गांव-गांव तक जमीयत उलमा स्थापित हो, जो जमीयत की राज्य स्तरीय यूनिटों के बगैर संभव नहीं है । इसीलिए आप सभी पूरे इरादे के साथ जमीयत को सुदृढ़ बनाएं। उन्होंने सम्मेलन के प्रबंधक प्रदेश अध्यक्ष जमीयत उलमा मध्यप्रदेश हाजी मोहम्मद हारून और उनकी टीम की अत्यधिक प्रशंसा और शुक्रिया अदा किया। मौलाना बदरुद्दीन अजमल अध्यक्ष जमीयत उलेमा आसाम ने कहा कि अपने कार्यों पर ध्यान देने के अलावा ज़िक्र अल्लाह की मजलिस भी क़ायम करनी चाहिए ताकि कबूलियत आम हासिल हो । इनके अलावा मौलाना नियाज़ अहमद फारूकी सचिव जमीयत उलमा ए हिंद, हाजी मोहम्मद हारुन अध्यक्ष जमीयत उलेमा मध्य प्रदेश, मौलाना सद्दीकउल्ला चौधरी अध्यक्ष जमीयत उलेमा पश्चिमी बंगाल, मौलाना अब्दुल रब आज़मी अध्यक्ष जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश, मौलाना नदीम अहमद सिद्दीकी अध्यक्ष जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, मौलाना मुफ्ती इफतखार अहमद क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमा कर्नाटक, मौलाना शमसुद्दीन बिजली, महासचिव जमीयत उलेमा कर्नाटक, प्रोफेसर निसार अहमद अंसारी महासचिव जमीयत उलेमा गुजरात, मुफ्ती जावेद इकबाल क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमा बिहार, मौलाना ज़करिया केरल, मौलाना सईद अहमद मणिपुर, मौलाना मोहम्मद आकील अध्यक्ष जमीयत पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हाफ़िज़ अब्दुल अध्यक्ष जमीयत उलेमा पूर्वी जोन उत्तर प्रदेश, मौलाना अरशद क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलेमा मध्य जोन उत्तर प्रदेश और मौलाना आबिद क़ासमी अध्यक्ष जमीयत उलमा दिल्ली इत्यादि ने भी अपने अपने विचारों को प्रकट किया जो 5 ज़ोन बनाए गए हैं इसके अनुसार ज़ोन एक में कर्नाटक, तमिलनाडु केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना अंडमान व निकोबार गोवा शामिल हैं। जिनके कन्वीनर मुफ्ती शमसुद्दीन बिजली और ज़िम्मेदार मौलाना बदरुद्दीन अजमल हैं।
ज़ोन 2 में महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान शामिल हैं, जबकि कन्वीनर व ज़िम्मेदार मौलाना हाफ़िज़ नदीम सिद्दीकी होंगे। ज़ोन 3 में पश्चिमी बंगाल, आसाम, मणिपुर त्रिपुरा, मेघालय, उड़ीसा ,नागालैंड, शामिल हैं इसके कन्वीनर मौलाना अब्दुल कादिर आसाम, मुफ्ती अब्दुल सलाम और ज़िम्मेदार मुफ्ती इफतखार क़ासमी हैं।
जोन नंबर 4 में बिहार, झारखंड ,पश्चिमी ज़ोन व मध्य उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इसके कन्वीनर मौलाना कलीम उल्लाह खां क़ासमी और ज़िम्मेदार मौलाना सफीकउल्ला चौधरी हैं ।
ज़ोन पांच में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली हरियाणा, पंजाब ,हिमाचल ,उत्तराखंड शामिल हैं। इस के कन्वीनर मौलाना मोहम्मद आकिल गढ़ी दौलत और ज़िम्मेदार हाजी मोहम्मद हारुन भोपाल हैं । उपरोक्त शख्सियतों के अतिरिक्त सम्मेलन में निम्नलिखित लोग भी 2 दिनों तक लगातार सम्मेलन में शामिल रहे और अपनी अपनी गतिविधियां पेश कीं। मौलाना मोहम्मद मदनी, हाजी मोहम्मद हसन तमिलनाडु,मौलाना मोहम्मद इब्राहिम केरल, मौलाना मुजीबउर रहमान केरल, मुफ्ती शरफुद्दीन अंडमान निकोबार, मौलाना अब्दुल समी गोवा, मौलाना मोहम्मद रफीक गुजरात, असलम कुरेशी गुजरात, कारी मोहम्मद अमीन राजस्थान, एडवोकेट मोहम्मद कलीम भोपाल, मुफ्ती अब्दुल सलाम बंगाल, मौलाना अब्दुल कादिर आसाम, मौलाना महबूब हसन असम,मौलाना शफीउल्लाह मणिपुर, मुफ्ती अब्दुल मोमिन त्रिपुरा, मौलाना गुफरान क़ासमी उड़ीसा, मौलाना अकरम तकी उड़ीसा, मौलाना मोहम्मद नाजि़म पटना, मौलाना खालिद पूर्नवी पटना, मौलाना कलीम उल्लाह खान क़ासमी यूपी, हाफ़िज़ अब्दुल हई मिफ़ताही खैराबाद मऊ, हाफ़िज़ उबैदुल्लाह बनारस ,मौलाना मुफ्ती ज़फ़र क़ासमी फर्रुखाबाद, क़ारी मोहम्मद यामीन अमरोहा, मौलाना इस्लामुद्दीन दिल्ली, मौलाना अली हसन मजाहीरी।
सम्मेलन का समापन मौलाना मोहम्मद रफीक़ मज़ाहिरी की दुआ पर हुआ।
इस सम्मेलन में केंद्रीय कार्यालय से मौलाना नजीबुल्लाह क़ासमी, मौलाना खालिद गयावी, मौलाना अज़ीम उल्लाह क़ासमी, मौलाना मोहम्मद यासीन जहाजी, मौलाना मोअज्जम आरफी, मौलाना शफीक अहमद क़ासमी, मौलाना अबुल हसन और हाजी मोहम्मद मुबशशिर इत्यादि भी शामिल रहे।
संपादक, महोदय,।
इस प्रेस विज्ञप्ति को प्रकाशित करके धन्यवाद का अवसर प्रदान करें।
प्रेषक-
नियाज़ अहमद फारूकी
सचिव, जमीयत उलमा ए हिंद
جمعیۃ علماء ہند، ملت اسلامیہ کی پاسبان جماعت ہے، اس کے دائرے کو گاؤں گاؤں تک پھیلائیں
جمعیۃ علماء ہند کی صوبائی یونٹوں کے صدور ونظماکے دوروزہ اجلاس میں صدر جمعیۃ مولانا محمود مدنی کی ہدایت
جماعتی دائرہ اثر کو بڑھانے کے لیے ملک کو پانچ زونوں میں تقسیم کیا گیا، خواتین کو تنظیمی سرگرمیوں سے جوڑنے سے متعلق کمیٹی تشکیل
بھوپال /نئی دہلی ۱۱/ استمبر:
جمعیۃ علماء ہند کی ریاستی اور علاقائی یونٹوں کے صدور و نظمائے اعلی کا دوروزہ مذاکراتی اجلا س فارچون،ریزارٹ اینڈ گارڈن بھوپال میں منعقد ہوا، جس کی صدارت جمعیۃ علماء ہند کے صدر مولانا محمود اسعد مدنی نے کی۔ اس اجلاس میں جمعیۃ علماء کی ملک گیر یونٹوں کی کارکردگیوں کا جائزہ لیا گیا، اس کے علاوہ جمعیۃ علماء ہند کے دس نکاتی تعمیری پروگرام کو ضلعی و مقامی سطح پر نافذ کرنے، ملت فنڈ، سیرت النبی کوئز، اصلاح معاشرہ اوردینی تعلیمی تحریک وغیرہ پر تفصیل سے تبادلہ خیال ہوا۔
اس موقع پر اپنے خیالات کا اظہار کرتے ہوئے مولانا محمود اسعد مدنی صدر جمعیۃ علماء ہند نے کہا کہ ان کے لیے جمعیۃ علماء ہی ان کا کنبہ ہے جس کے لیے وہ پوری طرح وقف ہیں، انھوں نے کہا کہ میرا ر شتہ دار وہی ہو گا،جس نے خود کو جمعیۃ کے کاز سے وابستہ کیا ہے۔مولانا مدنی نے جمعیۃ کے ذمہ داروں کو اخلاص اور یک سوئی کے ساتھ،دین، ملک و ملت و انسانیت کی خدمت کے لیے وقف کرنے کی دعوت دی اور کہاکہ اخلاص کے بغیر اللہ کی توفیق و مدد حاصل نہیں ہوتی۔ جمعیۃ ملت اسلامیہ ہند کی پاسبان جماعت ہے، حضرت شاہ ولی اللہ محدث دہلوی ؒ کی تحریک کے بعد جمعیۃ علماء ہی ملت کی آبرو ہے، جب بھی کوئی واقعہ ہوتا ہے، امت کے زیادہ تر افراد کی امیدیں ہم سے وابستہ ہو جاتی ہیں، اسی وجہ سے جب ہم امید کے مطابق کام نہیں کرپاتے تو وہ تنقید کرتے ہیں۔مولانا مدنی نے جمعیۃ میں جمہوری نظام کو مزید مستحکم کرنے پر زور دیا اور اعلان کیا کہ تنظیمی استحکام کے مقصد سے صوبائی سطح پر آرگنائزر س مقرر کیے جائیں گے۔
مولانا مدنی نے کہا کہ اگر ہم قوم کے لیے کچھ کرنا چاہتے ہیں تو ہمیں محلہ سطح تک جمعیۃ کے نمایندے بنانے ہوں گے، تبھی جاکر ارتداد اور بے دینی کا مقابلہ کیا جاسکتا ہے۔انھوں نے دعوی کیا کہ بیالیس فی صد نوجوان ارتداد کی ز د میں ہیں، وہ گاؤں میں بھی رہتے ہیں اور شہر میں بھی، ہم ان کی اصلاح تب ہی کرسکتے ہیں جب جمعیۃ کے نمایندے ہر جگہ موجود ہوں۔انھوں نے جماعت کے ذمہ داروں سے عہد لیا کہ جن جگہوں پر اب تک جمعیۃ کی یونٹیں نہ بنی ہیں، وہاں ضلع، بلاک اور مقامی سطح تک جمعیۃ کی یونٹیں قائم کی جائیں۔انھوں نے ملت کے موجودہ حالات پر کافی فکر مندی ظاہر کی اور کہا کہ ہمارے پاس اب منزل کے دوران رک کر سستانے کا وقت نہیں ہے بلکہ ہر حال میں آگے قدم بڑھانا ہو گا۔ انھوں نے ماضی میں بزرگوں کی قربانیوں کا حوالہ دیتے ہوئے کہا کہ آج جو بھی دینی تحریکیں چل رہی ہیں وہ جمعیۃ علماء کی قربانیوں کا ثمر ہ ہیں۔
مولانا مدنی نے سیرت طیبہ کے حقیقی او رانسانیت دوست پیغام کو عام کرنے پر کام کرنے کا اعلان کیااور کہا کہ اہانت رسول صلی اللہ علیہ وسلم کے سدباب کے لیے علمی و فکری سطح پر پیدا شدہ خلا کو پرکرنے کی ضرورت ہے، کئی بار ایسا ہوتا ہے کہ جہل کی وجہ سے توہین کے واقعات سرزد ہو تے ہیں، اس لیے حیات طیبہ کے گوشے کو عام کیا جائے، اس کے لیے سردست اسلامک کوئز شروع کرنے کی بھی تجویز منظور ہوئی۔
خصوصی اجلاس میں خواتین کو جمعےۃ کے کاز سے وابستہ کرنے کی تجویز آئی، جس کے خدو خال پر غور کرنے کے لیے ایک کمیٹی تشکیل دی گئی ہے جس میں مولانا بدرالدین اجمل قاسمی، مولانا صدیق اللہ چودھری، مولانا کلیم اللہ فیض آبادی، مولانا افتخار قاسمی اور مولانا حکیم الدین قاسمی بطور کنوینر شامل ہیں۔اس کے علاوہ جمعیۃ علماء ہند کی ریاستی یونٹوں کی کارکردگی کے دائرے کووسیع کرنے کے لیے پورے ملک کو پانچ زونوں میں تقسیم کیا گیا ہے اور ان کے کنوینرس اور ذمہ داران طے کیے گئے ہیں۔
اس موقع پر اپنے خطاب میں جمعیۃ علماء ہند کے جنرل سکریٹری مولانا حکیم الدین قاسمی نے کہا کہ جمعیۃ علماء ہند اس ملک کے لیے نعمت ہے۔ صدر جمعیۃ علماء ہندکا یہ عزم ہے کہ گاؤں گاؤں تک جمعیۃ علماء قائم ہو، جو جمعیۃ کی ریاستی یونٹوں کے بغیر ممکن نہیں ہے، اس لیے آپ حضرات مکمل ارادے کے ساتھ جمعیۃ کو مستحکم کریں۔ انھوں نے اجلاس کے منتظم صدر جمعیۃ علماء مدھیہ پردیش حاجی محمد ہارون اور ان کی ٹیم کی عمدہ ضیافت کا شکریہ ادا کیا۔
مولانا بدرالدین اجمل صدر جمعیۃ علماء آسام نے کہا کہ اپنی سرگرمیوں پر توجہ دینے کے علاوہ ذکر اللہ کی مجلسیں بھی قائم کرنی چاہیے تا کہ قبولیت عامہ حاصل ہو۔ان کے علاوہ مولانا نیاز احمد فاروقی سکریٹری جمعیۃ علماء ہند، حاجی محمد ہارون صدر جمعیۃ علماء مدھیہ پردیش، مولانا صدیق اللہ چودھری صدر جمعیۃ علماء مغربی بنگال، مولانا عبدالرب اعظمی صدر جمعیۃ علماء یوپی،مولانا ندیم احمد صدیقی صدر جمعیۃ علماء مہاراشٹرا،مولانا مفتی افتخار احمد قاسمی صدر جمعیۃ علماء کرناٹک، مولانا شمس الدین بجلی نا ظم اعلی جمعیۃ علماء کرناٹک،پروفیسر نثار احمد انصاری ناظم اعلی جمعیۃ علماء گجرات، مفتی جاوید اقبال قاسمی صدر جمعیۃ علماء بہار،مولانا زکریا کیرالہ،مولانا سعید احمد منی پور،مولانا محمد عاقل صدر جمعیۃ مغربی زون یوپی،حافظ عبدالحی صدر جمعیۃ علماء مشرقی زون یوپی،مولانا اسجد قاسمی صدر جمعیۃ علماء وسط زون یوپی اورمولانا عابد قاسمی صدر جمعیۃ علماء دہلی وغیرہ نے بھی اپنے خیالات کا اظہار کیا۔
جو پانچ زون بنائے گئے ہیں، اس کے مطابق، زون (۱) میں کرناٹک، تامل ناڈو، کیرالہ،آندھرا پردیش و تلنگانہ،انڈمان و نکوبار، گوا شامل ہیں، جن کے کنوینر مفتی شمس الدین بجلی اور ذمہ دار مولانا بدرالدین اجمل ہیں۔ زون(۲) میں مہاراشٹرا، گجرات، مدھیہ پردیش، راجستھان شامل ہیں، جب کہ کنوینر و ذمہ دار مولانا حافظ ندیم صدیقی ہوں گے۔زون (۳) میں مغربی بنگال، آسام، منی پور، تری پورہ، میگھالیہ،اڈیشہ، ناگالینڈ شامل ہیں،اس کے کنوینر مولانا عبدالقادر آسام و مفتی عبدالسلام اور ذمہ دار:مفتی افتخار قاسمی ہیں۔ زون نمبر(۴) میں بہار، جھارکھنڈ، مشرقی زون و سط زون یوپی شام ہیں، اس کے کنوینر مولانا کلیم اللہ خاں قاسمی اورذ مہ دار مولانا صدیق اللہ چودھری ہیں۔زون(۵) میں مغربی زون یوپی،دہلی، ہریانہ، پنجاب و ہماچل، اتراکھنڈ شامل ہیں، اس کے کنوینر مولانا محمد عاقل گڑھی دولت اور ذمہ دار حاجی محمد ہارون بھوپال ہیں۔
مذکورہ بالا شخصیات کے علاوہ اجلاس میں درج ذیل حضرات بھی دو دنوں تک لگاتار شریک رہے اور اپنی آرا پیش کیں:مولانا محمد مدنی، حاجی محمد حسن تامل ناڈو، مولانا محمد ابراہیم کیرالہ، مولانا مجیب الرحمن کیرالہ،مفتی شرف الدین انڈمان نکوبار، مولانا عبدالسمیع گوا، مولانا محمد رفیق گجرات،اسلم قر یشی گجرات، قاری محمد امین راجستھان، ایڈوکیٹ محمد کلیم بھوپال، مفتی عبدالسلام بنگال، مولانا عبدالقادر آسام، مولانا محبوب حسن آسام، مولانا شفیع اللہ منی پور،مفتی عبدالمومن تری پورہ، مولانا غفران قاسمی اڈیشہ،مولانا اکرم تقی اڈیشہ،مولانا محمد ناظم پٹنہ، مولانا خالد پورنوی پٹنہ، مولانا کلیم اللہ خا ں قاسمی یوپی،حافظ عبدالحیی مفتاحی خیر آباد مؤ،حافظ عبیداللہ بنارس، مولانا مفتی ظفر قاسمی فرخ آ باد، قاری محمد یامین امروہہ، مولانا اسلام الدین دہلی، مولانا علی حسن مظاہر ی۔اجلاس کا اختتام مولانا محمد رفیق مظاہری کی رقت آمیز دعا پر ہوا۔اس اجلاس میں مرکزی دفتر سے مولانا نجیب اللہ قاسمی ناظم دفتر جمعیۃ علماء ہند، مولانا خالد گیاوی،مولانا عظیم اللہ قاسمی، مولانا محمد یاسین جہازی،مولانا معظم عارفی،مولانا شفیق احمد القاسمی، مولانا ابوالحسن اور حاجی محمد مبشر وغیرہ بھی موجود رہے۔
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مدیر محترم، آداب و تسلیمات!اس پریس ریلیز کو شائع فرماکر شکر گزار کریں
نیاز احمد فاروقی سکریٹری جمعیۃ علماء ہند
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